Writen by- mukul tiwari
वैसे तो नोएडा मे मुझे भी 15 साल पत्रकारिता करते हुए हो गए हें
लेकिन कुछ दलाल किस्म के लोग आए और चले गए
लेकिन एक दलाल पत्रकार जो हर जगह जाकर सभी पत्रकारों की बुराई करता हे वो आज कल बड़ा वाला दलाल बन चूका हे
कोतवाल, चौकी इंचार्ज से करता हे पत्रकारों की बुराई
इस दल्ले पत्रकार का खुद तो कोई पता नहीं इसका काम सिर्फ ये हे सुबह से लेकर शाम तक कोतवालों और चौकी इंचार्ज के पास बैठकर पत्रकारों की बुराई और खामिया बताना
हमारे पत्रकार साथी बताते हें की ये दलाल आँखों से पहचान लिया जाता हें
इस दलाल पत्रकार की कहानी किसी से छुपी नहीं हें इसकी आंख देखकर कोई भी बोल सकता हें ये किसी का सगा नहीं हे... ये दलाल सिर्फ अपने आप को इतना बड़ा बताता हें जो ये कुछ भी नहीं हें