जेवर एयरपोर्ट के आसपास रात दिन बढ़ रहे हैं जमीन के रेट, अभी है मौका, जेवर के पास टप्पल में लीजिये जमीन, अभी भी है बड़ा मौका, टप्पल और जेवर में इन्वेस्ट करने का बड़ा मौका
ग्रेटर नोएडा शहर से लेकर जेवर एयरपोर्ट की बगल तक जमीन के रेट तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। जेवर एयरपोर्ट के आसपास प्रॉपर्टी का व्यवसाय करने वालों का दावा है कि हर दिन और हर रात इस क्षेत्र में जमीन के रेट बढ़ रहे हैं। प्रॉपर्टी बाजार की अच्छी समझ रखने वालों का दावा है कि जेवर एयरपोर्ट के आसपास जमीनों के रेट कई गुना तक और बढ़ेंगे। जानकारों का कहना है कि जेवर एयरपोर्ट के आसपास जमीन खरीदने अथवा जमीन में निवेश करने का मौका अभी भी बचा हुआ है। जो लोग जेवर एयरपोर्ट के आसपास निवेश करना चाहते हैं उन्हें तुरंत निवेश कर देना चाहिए।
पिछले 7 साल में बहुत तेजी से बढ़ा है जेवर एयरपोर्ट का क्रेज
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा के पास एक छोटा सा नगर है। इस नगर का नाम जेवर है। जेवर तथा उसके आसपास के गांव की जमीन पर ही जेवर एयरपोर्ट का निर्माण चल रहा है। जल्द ही जेवर एयरपोर्ट से हवाई यात्रा शुरू होने वाली है। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया वर्ष 2018 से चल रही है।
2018 में जेवर में एयरपोर्ट बनाने के ऐलान के बाद ही इस एरिया के जमीनों के दाम बढ़ने लगे थे. यहां तक कि कोरोना काल में भी इस इलाके में निवेश में कोई कमी नहीं आई। जैसे ही यहां जेवर एयरपोर्ट का काम शुरू हुआ, निवेश के लिए लोग आने लगे. तमाम बिल्डर यहां अपने प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं। यहां के प्रॉपर्टी मार्केट में लाखों लोग मौका तलाश रहे हैं। वर्ष 2009 से अब तक जेवर एयरपोर्ट के पास यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण यीडा 35 हजार के करीब प्लॉटों का आवंटन कर चुका है, इस समय भी यीडा की 200 वर्ग मीटर के साइज के 274 प्लॉटों की स्कीम आई है, जिसमें 30 मई तक आवेदन किया जा सकता है। Greater Noida News
जेवर एयरपोर्ट के आसपास हैं बड़े मौके
आपको बतादें कि पिछले 15 दिनों में ही यीडा सिटी में 9 कंपनियों ने 11,818 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिसमें सेमीकंडक्टर पार्क के लिए फॉक्सकॉन ग्रुप की वामा सुंदरी कंपनी और ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए एस्कॉर्ट ग्रुप (4,500 करोड़ रुपये) प्रमुख हैं. फॉक्सकॉन 300 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क विकसित करने के लिए बातचीत कर रहा है, जबकि सिफी इनफिनिट और जैक्सन ने डेटा सेंटर के लिए 10 एकड़ के दो प्लॉट हासिल किए हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) खुद 13,300 एकड़ कृषि भूमि खरीद रहा है, जिसे वह विकसित करना चाहता है और डेवलपर्स को वाणिज्यिक और औद्योगिक परियोजनाओं के लिए आवंटित करना चाहता है. इन निवेशों से 30,000-35,000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
पिछले दो सालों में फ्लैट की कीमतों में 15-20% की वृद्धि हुई है। हालांकि, इस क्षेत्र में अभी बड़े पैमाने पर लोग नहीं रहते, लेकिन भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए निवेश के लिए फ्लैट खरीदे जा रहे हैं. करीब 10-11 ग्रुप हाउसिंग प्लॉट अलग-अलग बिल्डरों को आवंटित किए गए हैं, जिसमें कई बिल्डर जल्द ही अपना प्रोजेक्ट लॉन्च करने वाले हैं. जैसे-जैसे एयरपोर्ट चालू होगा और बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, आवासीय मांग में और वृद्धि होने की संभावना है।
जेवर हवाई अड्डे ने यमुना एक्सप्रेसवे पर रियल एस्टेट में उछाल ला दिया है, संपत्ति की लागत से लेकर फिल्म सिटी और लॉजिस्टिक्स पार्क जैसे बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचागत विकास तक. उन घर खरीदारों के बीच मांग बढ़ती जा रही है, जो बेहतरीन कनेक्टिविटी के साथ उपनगरीय जीवन की तलाश में हैं, यमुना एक्सप्रेसवे उत्तर भारत के रियल्टी बाजार में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। जेवर एयरपोर्ट पूरा बनने के बाद एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा।