Writen by - Mukul tiwari
यमुना प्राधिकरण (यीडा) ने किसानों के लीजबैक मामलों का झंझट खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी मिलने के बाद गांवों में आबादी का सीमांकन (पेरीफेरी) के बाहर ही भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। फिलहाल 15 गांवों का सर्वे शुरू कराया गया है।
यमुना प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि यमुना सिटी में करीब 368 लीजबैक और 88 मामले शिफ्टिंग के लंबित पड़े हैं वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में लीजबैक के 2.288 मामले और करीब 250 शिफ्टिंग के लंबित हैं इसी तरह नोएडा में काफी किसान इससे प्रभावित है आए दिन किसान प्राधिकरणों का घेराव करते हैं किसानों की शिकायत रहती है की भूमि अधिकरण के दौरान उनकी आबादी की जमीन को भी अधिग्रहित कर लिया गया जबकि आबादी की जमीन को अधिग्रहण में शामिल करने का नियम नहीं है इसके लिए किसान तीनों प्राधिकरण के चक्कर लगाते हैं वहीं बड़ी परियोजनाओं के विकास में भी यह बाधा बनती है। इन सभी समस्याओं को सुलझाने के लिए प्राधिकरण ने पेरीफेरी के बाहर अधिग्रहण की योजना बना ली है